उस रात ना उनकी आंँखों में नींद थी ना मेरे इतने पुराने रिश्ते को दो पल में खत्म कर अजनबी से हो गए थे हम आंँखों में आंँसू थें पर दिल की धड़कने बार-बार यही दुआ करती रहीं कि वक्त बुरा है पर खुशियां आ जायेगीं फिर मगर उन खुशियों के इंतजार में सालों बीत गए कल आए थे नज़र वो उसी मकां के पास किसी अजनबी के साथ खुश थे बहुत, थाम कर उसका हाथ मिलते ही नज़रें हटा ली थी हमसे और बढ़ चले आगे फिर लगा दुआएं हो गई है कुबूल मेरी मगर... ये खुशियां आईं तो हैं पर सिर्फ़ उनके घर ©Asmita Singh #lostlove