#FourLinePoetry जिंदगी की हकीकत का बोझा, सपनों का संसार भी कभी क्या ढो पाएगा ? हताशा की इस सुलगती चिंगारी को, सिर्फ मेहनत का पानी ही बुझा पाएगा। ©Kajol Prem #fourlinepoetry 07/08/2021