तिश्नगी है कि बढ़ती जा रही है तीरगी अलग ज़ुल्म ढा रही है मेरे सुतून-ए-हवास को तेरी याद किसी दीमक की तरह खा रही है तेरी यादें और उस पर तन्हाई बारी बारी से खूँ जला रही है Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto