स्कूल के वो दिन याद हैं मुझे याद हैं वो सारे लम्हें, दिन और साल आज भी और फिर कभी ना लौट आने वाला ज़माना याद हैं!! ( पूरी कविता अनुशीर्षक में पढ़िए ) रोज़ सुबह खिलें चेहरों से स्कूल जाना याद है स्कूल पहुँच कर दोस्तों से गप्पे लड़ाना याद है याद है वो क्लास बंक कर के बाहर चले जाना वो बचपन की यादें , यादों का फसाना याद हैं रोज़ सुबह की असेम्बली में प्रेयर गाना याद हैं आंखें बंद करके मन में यूंही मुस्कुराना याद हैं याद है पी.टी वाले दिन वाइट यूनीफॉर्म पहनना