तुम बड़े गैरजिम्मेदाराना हो..! गैरों की सोच से, अपनी खरोंचे क्यूं तरासते हो.? जो तुममें है भरा पड़ा... वो दूसरों में क्यूं तलाशते हो.? है ये बेफिजूली तुम्हारी, के तुमने अभी तक सोचा नहीं..! जो आंसू बेहकर सूखभी गया, ए-नादान ज़रा देखतो सही, तुमने अभी तक उसे,अपनी पलकों से पोंछा भी नहीं.... बड़ी उम्मीदें सजाई बैठी हैं..! जिंदगी तुझसे भी एक जमाने से आ चल खिड़कियां खोले..! नई रोशनी नई हवाओं के बहाने से।-(વીકી) #moveon #hindipeom