मुश्किल घड़ी और दोस्त मुश्किल घड़ी है, दोस्त, अभी नादान मत बन... ताउम्र है, शैतानियत को अभी अनजान मत बन... लडखडे जो कदम , रोक ले उसे, जो मिला है ख़ुशी से थाम ले उसे, आज मै हूँ, शायद कल ना रहु.. थाम हाथ मेरा, चल उठ खड़ा हो, ये समय आज है, शायद कल ना हो जीत जयेंगे हर जंग, चल खड़ा तो हो.... # दिसम्बर मुश्किल घड़ी और dost