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निगाहें और नशा मंज़र ये सहर नहीं शाम का है, उन तक

निगाहें और नशा  मंज़र ये सहर नहीं शाम का है,
उन तक पहुचे हर उस मुकाम का है,
न भटकी हूँ दर दर इक प्याले की आस में,
ये नशा तो उनकी आंखों के जाम का है, #Nigaahein #word #alfaz #like #follow #shayari #topics #beauti #2words
निगाहें और नशा  मंज़र ये सहर नहीं शाम का है,
उन तक पहुचे हर उस मुकाम का है,
न भटकी हूँ दर दर इक प्याले की आस में,
ये नशा तो उनकी आंखों के जाम का है, #Nigaahein #word #alfaz #like #follow #shayari #topics #beauti #2words