ली थी जो मैंने कल एक सांस, वो आज हवा हो गई, पीए थे शराब के कल घूंट, वो आज दवा हो गई, ना दिखता आज मुझे कोई रास्ता, एक बंजारापन है मेरा क्यूंकि, ना कर पाए जिससे कल हम वफा, आज उसी के लिए यह रूह बेवफ़ा हो गई । - मोहित थोरेचा #pyaar #pyaarmaineaisakiya #Love #Shayar #Shayari #simplicity