#OpenPoetry शीर्षक - उसके इश्क़ की ओर बेपनाह मोहोबत पर भी अब वो चौकता नहीं उसका अब किसी से कोई वास्ता नहीं एक तरफा इश्क़ का मारा है वो शक्स गालिब इसलिये इश्क़ के तराजू पर अब वो किसी को जांचता नहीं देख लेता है रास्ते की ओर अब भी लेकिन अब राह तांकता नहीं उसके इश्क़ की और जाता अब कोई रास्ता नहीं शरद ठाकुरी #मेरीशायरी #मेरीशायरीमेरीदास्तान #पहलाप्यार #aloneboy