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Happy Janmashtami श्री योगी राज कृष्ण की एक पत्नी

Happy Janmashtami श्री योगी राज कृष्ण की एक पत्नी थी जो थी माता रुकमणी और उनके अलावा उन्होंने किसी स्त्री को ना प्रेमिका बनाए और ना ही विवाह रचाया और योग के बहुत बड़े ज्ञानी थे, वे वेदों के भी ज्ञाता थे इसके लिए उन्होंने अर्जुन को गीता के रूप में ज्ञान दिए जो वेद के ही ज्ञान थे, उन्होंने ब्रह्मचर्य का 48 वर्ष तक पालन किया उनके ब्रह्मचर्य के रहते हुए उनकी विवाह रुकमणी से हुई थी तो उन्होंने विवाह पश्चात 18 वर्ष ब्रह्मचर्य पूर्ण की, उनकी गुणगान जितनी की जाए कम है और ऐसा कोई गुण नहीं जिसको अपनाया ना जाए। श्री योगी राज कृष्ण की एक पत्नी थी जो थी माता रुकमणी और उनके अलावा उन्होंने किसी स्त्री को ना प्रेमिका बनाए और ना ही विवाह रचाया और योग के बहुत बड़े ज्ञानी थे, वे वेदों के भी ज्ञाता थे इसके लिए उन्होंने अर्जुन को गीता के रूप में ज्ञान दिए जो वेद के ही ज्ञान थे, उन्होंने ब्रह्मचर्य का 48 वर्ष तक पालन किया उनके ब्रह्मचर्य के रहते हुए उनकी विवाह रुकमणी से हुई थी तो उन्होंने विवाह पश्चात 18 वर्ष ब्रह्मचर्य पूर्ण की, उनकी गुणगान जितनी की जाए कम है और ऐसा कोई गुण नहीं जिसको अपनाया ना जाए।
Happy Janmashtami श्री योगी राज कृष्ण की एक पत्नी थी जो थी माता रुकमणी और उनके अलावा उन्होंने किसी स्त्री को ना प्रेमिका बनाए और ना ही विवाह रचाया और योग के बहुत बड़े ज्ञानी थे, वे वेदों के भी ज्ञाता थे इसके लिए उन्होंने अर्जुन को गीता के रूप में ज्ञान दिए जो वेद के ही ज्ञान थे, उन्होंने ब्रह्मचर्य का 48 वर्ष तक पालन किया उनके ब्रह्मचर्य के रहते हुए उनकी विवाह रुकमणी से हुई थी तो उन्होंने विवाह पश्चात 18 वर्ष ब्रह्मचर्य पूर्ण की, उनकी गुणगान जितनी की जाए कम है और ऐसा कोई गुण नहीं जिसको अपनाया ना जाए। श्री योगी राज कृष्ण की एक पत्नी थी जो थी माता रुकमणी और उनके अलावा उन्होंने किसी स्त्री को ना प्रेमिका बनाए और ना ही विवाह रचाया और योग के बहुत बड़े ज्ञानी थे, वे वेदों के भी ज्ञाता थे इसके लिए उन्होंने अर्जुन को गीता के रूप में ज्ञान दिए जो वेद के ही ज्ञान थे, उन्होंने ब्रह्मचर्य का 48 वर्ष तक पालन किया उनके ब्रह्मचर्य के रहते हुए उनकी विवाह रुकमणी से हुई थी तो उन्होंने विवाह पश्चात 18 वर्ष ब्रह्मचर्य पूर्ण की, उनकी गुणगान जितनी की जाए कम है और ऐसा कोई गुण नहीं जिसको अपनाया ना जाए।

श्री योगी राज कृष्ण की एक पत्नी थी जो थी माता रुकमणी और उनके अलावा उन्होंने किसी स्त्री को ना प्रेमिका बनाए और ना ही विवाह रचाया और योग के बहुत बड़े ज्ञानी थे, वे वेदों के भी ज्ञाता थे इसके लिए उन्होंने अर्जुन को गीता के रूप में ज्ञान दिए जो वेद के ही ज्ञान थे, उन्होंने ब्रह्मचर्य का 48 वर्ष तक पालन किया उनके ब्रह्मचर्य के रहते हुए उनकी विवाह रुकमणी से हुई थी तो उन्होंने विवाह पश्चात 18 वर्ष ब्रह्मचर्य पूर्ण की, उनकी गुणगान जितनी की जाए कम है और ऐसा कोई गुण नहीं जिसको अपनाया ना जाए। #विचार