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पैर हैं बंधे हुए फ़िर भी उड़ रहा हूँ मैं, गगन की ऊ

पैर हैं बंधे हुए फ़िर भी उड़ रहा हूँ मैं,
गगन की ऊँचाई माप रहा हूँ मैं,
दिल ओ दिमाग हैं बंधे हुए,
फिर भी सोंच रहा हूँ मैं 

पैर हैं बंधे हुए फिर भी उड़ रहा हूँ मैं,

चल रही हैं आँधियाँ,
फिर भी अडिग खड़ा हूँ मैं,
जला रहीं हैं बिजलियाँ,
फिर भी ज़िन्दा हूँ मैं,

कोई नहीं है हमसफ़र,
फिर भी चल रहा हूँ मैं,
नहीं कोई है मीत मेरा,
फिर भी हँस-रो रहा हूँ मैं,

पैर हैं बंधे हुए फिर भी उड़ रहा हूँ मैं,
गगन की ऊँचाई माप रहा हूँ मैं,
दिल ओ दिमाग हैं बंधे हुए,
फिर भी सोंच रहा हूँ मैं,

पैर हैं बंधे हुए फिर भी उड़ रहा हूँ मैं,

पैर हैं बंधे हुए फिर भी उड़ रहा हूँ मैं,
पैर हैं बंधे हुए फिर भी उड़ रहा हूँ मैं 
#कविमनीष 
 #NojotoQuote #कविमनीष
पैर हैं बंधे हुए फ़िर भी उड़ रहा हूँ मैं,
गगन की ऊँचाई माप रहा हूँ मैं,
दिल ओ दिमाग हैं बंधे हुए,
फिर भी सोंच रहा हूँ मैं 

पैर हैं बंधे हुए फिर भी उड़ रहा हूँ मैं,

चल रही हैं आँधियाँ,
फिर भी अडिग खड़ा हूँ मैं,
जला रहीं हैं बिजलियाँ,
फिर भी ज़िन्दा हूँ मैं,

कोई नहीं है हमसफ़र,
फिर भी चल रहा हूँ मैं,
नहीं कोई है मीत मेरा,
फिर भी हँस-रो रहा हूँ मैं,

पैर हैं बंधे हुए फिर भी उड़ रहा हूँ मैं,
गगन की ऊँचाई माप रहा हूँ मैं,
दिल ओ दिमाग हैं बंधे हुए,
फिर भी सोंच रहा हूँ मैं,

पैर हैं बंधे हुए फिर भी उड़ रहा हूँ मैं,

पैर हैं बंधे हुए फिर भी उड़ रहा हूँ मैं,
पैर हैं बंधे हुए फिर भी उड़ रहा हूँ मैं 
#कविमनीष 
 #NojotoQuote #कविमनीष