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रस्ते भी जब घर के तेरे, सूनसान से लगते हैं.. अफ़स

रस्ते भी जब घर के तेरे,

सूनसान से लगते हैं..

अफ़साने भी तेरे सब जब,

मुझको गाली से लगते हैं..

उस पल सारा शहर भी मुझको,

वीराना सा लगता है.. #IITKIRDAAR #Zid
रस्ते भी जब घर के तेरे,

सूनसान से लगते हैं..

अफ़साने भी तेरे सब जब,

मुझको गाली से लगते हैं..

उस पल सारा शहर भी मुझको,

वीराना सा लगता है.. #IITKIRDAAR #Zid