यूँ हाथों में लेकर हाथ,चलों ना चलते है। कुछ वक्त गुजारे साथ,चलो ना चलते है। जीवन की आपाधापी में,खुद को भूल गए। इस वक्त को देने मात,चलो ना चलते है। अभी जवानी आई है,और लगा सोलहवाँ साल। फिर नज़रों से करने बात, चलो ना चलते है। चांदी की जुल्फें लहराकर, हो संग चेहरे की सलवट। छुप छुप फिर से करें मुलाकात,चलो ना चलते है।। सदा जवां थे जवां रहेंगे,बस इतना ही सोचा है। आओ एक नई करें सुरुआत,चलो ना चलते है।। किताबों में एक फूल हो,फूलों संग महकता ख़त। उस ख़त में फिर से लिखें जज़्बात,चलो ना चलते है। दिल में सबके घर बना लें,ये रानी की चाहत है। खोजें फिर खुशियों की सौगात,चलो ना चलते है। रानी सोनी"परी #WorldBicycleDay