Alone मैं चाहता हूँ ये रात गुज़रे और रौशनी निकलें.. किसी तरह तो ज़माने से बेदिली निकले..। मैं चाहता हूँ हर किसी की मन्नत पूरी हो.. हर किसी के चेहरे से हँसी निकले..। मैं चाहता हूँ मुझे दीपक का किरदार दिया जाएं.. जब जब जलूं शहर में रौशनी निकलें..। मैं चाहता हूँ ज़माने के गम मुझे दान दिए जाएं.. शिद्दत इतनी की आँसू भी निकलें तो खुशी खुशी निकलें..।❤️ :- aman Pandey