Safar आज एक बार कहे, आखिरी बार कहे, क्या पता तुम न रहो, क्या पता हम न रहे, मंदिरो मस्जिद की, या किसी इमारत की, माटी तो लगी उसमे भी, मेरे भारत की, लहू था हिन्दू का, अल्लाह शर्मिंदा रहा, मरा मुसलमान तो, राम कब ज़िंदा रहा, बिखरे-बिखरे हैं हम सभी, आओ एक घर मे रहें, क्या पता तुम न रहो, क्या पता हम न रहे, #Bharat #Hindu #Muslim #Khoon #Mandir #Masjid