की जिंदगी की राहों पर अब तुम्हे ठोकर बेहिसाब मिलेंगे कुछ गैर अपने होंगे और कुछ अपने गद्दारी का पहने हिजाब मिलेंगे गंगा जल से पवित्र रिश्ते भी अब बनकर तुम्हे तेज़ाब मिलेंगे नानी दादी की प्यारी यादों से भरे किस्से और धूल खाते बन्द किताब मिलेंगे जो बन सकते थे मुल्क की शान वो नन्हे बच्चे भी होते बर्बाद मिलेंगे #मिलेंगे#किस्से