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वो तारो की छांव मे गर्मी की रात। वो टिमटिमाते तारे

वो तारो की छांव मे गर्मी की रात।
वो टिमटिमाते तारे और ख़ामोश आकाश।
वो गर्म और ठंडी हवा का एक साथ अहसास।
फिर मेरे सपनों मे आयीं तुम और तुमसे हुई मुलाकात 
और धीरे धीरे होने लगी लफ़्ज़ों की बरसात।
ये सब चुपके से सुन रही थी सारी क़ायनात।
लेकिन फिर भी समझ न पायी तुम मेरे जज़्बात।

-Shivam #Stars 
#Night
वो तारो की छांव मे गर्मी की रात।
वो टिमटिमाते तारे और ख़ामोश आकाश।
वो गर्म और ठंडी हवा का एक साथ अहसास।
फिर मेरे सपनों मे आयीं तुम और तुमसे हुई मुलाकात 
और धीरे धीरे होने लगी लफ़्ज़ों की बरसात।
ये सब चुपके से सुन रही थी सारी क़ायनात।
लेकिन फिर भी समझ न पायी तुम मेरे जज़्बात।

-Shivam #Stars 
#Night