उसके दिये दर्दों को कब तक में संभालू। तुम ही बताओ किस तरह उसे अपना बनालू। कुछ सूझता नहीं है अब इसके सिवा मुझे। बेहतर यही होगा कि उसे दिल से निकालू। -रहीम-