मुझको शैतानी पर डांट कर खुद ही देती रो, मां भी एक कुम्भकार है संस्कार डालती जो। मुझको शैतानी पर डांट कर खुद ही देती रो, मां भी एक कुम्भकार है संस्कार डालती जो।