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छत कहा है और कहा आसमान है? जहां तक नजर न पोहचे वह

छत कहा है और कहा आसमान है? 
जहां तक नजर न पोहचे वहा तक मकान है
सुना है ये शेहेर सपने बेचनेकी दुकान है
तभी इंसान रेंग रहे और तामीर मे उड़ान है
लोग कहते है जंगल इसे, 
लगता ये हर खिलाडी का मकान है
तभी तो यहां का हर वासी कोई पुराना मेहमान है
किसी के आँखों में सपने है यहाँ तो किसी के जेब में आराम है
किसी की बंजर है ज़मीन, तो किसी का गगन वीरान है
हर हालत में दौड़ता ये शहर, मंजिलों से अनजान है
कभी खून में तो कभी पानी में लतपथ, फिर भी हर चेहरे पर मुस्कान
क्या क्या सिखु इस शहर से, तमाम मुश्किलें और कितनेही तूफ़ान है
गर्दिश में ज़िन्दगी हर पल फिर भी, ये शहर किसीकी जान तो जहाँ है #PerfectCity #city #Mumbai #nojoto #Anonymous writer 
quite huge 😅
छत कहा है और कहा आसमान है? 
जहां तक नजर न पोहचे वहा तक मकान है
सुना है ये शेहेर सपने बेचनेकी दुकान है
तभी इंसान रेंग रहे और तामीर मे उड़ान है
लोग कहते है जंगल इसे, 
लगता ये हर खिलाडी का मकान है
तभी तो यहां का हर वासी कोई पुराना मेहमान है
किसी के आँखों में सपने है यहाँ तो किसी के जेब में आराम है
किसी की बंजर है ज़मीन, तो किसी का गगन वीरान है
हर हालत में दौड़ता ये शहर, मंजिलों से अनजान है
कभी खून में तो कभी पानी में लतपथ, फिर भी हर चेहरे पर मुस्कान
क्या क्या सिखु इस शहर से, तमाम मुश्किलें और कितनेही तूफ़ान है
गर्दिश में ज़िन्दगी हर पल फिर भी, ये शहर किसीकी जान तो जहाँ है #PerfectCity #city #Mumbai #nojoto #Anonymous writer 
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