ये रब्बा मुझे आना है तेरे घर तू भूल गया भेज के अब आना है में हारा नही हु इस मैदान में बस इदर मन नही लगता है अब आना है मुझे तेरे पास अपने घर रास्ता तो दिखा नही मिल रहा है