बासंती बेला में आ जानां तुझे प्यार करू गुलमोहर की छांव तले तुझसे इक़रार करू शबनमी बहारों में आ प्रेम चुनरिया ओढ़ सपनों के मधुबन में शरारत तुझ संग करू मुरली की तान में सुर से सुर मिला ले तू मन मंदिर में तुझको बिठा तेरा गुणगान करूं यादों के झरोखे में तेरा आंचल लहराए रिमझिम गीत गाती बरसात में तेरा दीदार करूं तेरे दिल का मौसम कब बदलेगा यारां चाहे तो अपनी हर हंसी शाम तेरे नाम करूं बहे जब पवन पुरवाई,ले तू अंगड़ाई प्रियतम तुझ संग जिंदगी बासंती बहार करूँ। #बासंती_बेला #पवन_पुरवाई #nojotoapp#nojotohindi #nojotopoetry