भावार्थ:- दिन के चार पहरों सुबह दोपहर शाम एवं रात को मानव जीवन के विभिन्न अवस्थाओं से निरूपित करते हुए कवयित्री सुश्री कुसुम शर्मा ने पाठकों को धर्मोनुकल व्यवहार करने की सलाह देते हुए यह चेतावनी भी दी है कि भोग के राग में ईश्वर को मार्ग नहीं छोड़ना चाहिए क्योंकि अंततः मुक्ति का मार्ग तो मृत्यु हीं है। #kavita#poem#HindiPoem#ctk#nojotohindi#nojotopoem