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बूढी औरत -न्यायपालीका ..दो साल पहले मेरी गाड़ी से

बूढी औरत -न्यायपालीका ..दो साल पहले मेरी गाड़ी से एक छोटा सा एक्सिडेंट हो गया था उस समय मै  कार चलाना सीख ही रही  थी , ज्यादा नुकसान भी नही हुअा था तो मामला निपटा लिया गया था पर  ताकीद दे दी गईं थी की एक दो बार कोर्ट आना पड  सकता है , मैं लगभग भूल ही चुकी थी  सब पर दो साल के बाद कोर्ट से बुलावा आया और मै तय समय से कुछ पहले ही कोर्ट पहुच गयी  और इंस्पेक्टर का इंतज़ार करने लगी ,मेरी  नज़र पेड़ के नीचे बैठी एक महिला पर पड़ी ...काफ़ी बुजुर्ग थी फटे हुए कपड़े ..कमर झुकी हुई ..चेहरे पर झुर्रिंयाँ , आँखे अंदर तक धँसी हुई , टूट
बूढी औरत -न्यायपालीका ..दो साल पहले मेरी गाड़ी से एक छोटा सा एक्सिडेंट हो गया था उस समय मै  कार चलाना सीख ही रही  थी , ज्यादा नुकसान भी नही हुअा था तो मामला निपटा लिया गया था पर  ताकीद दे दी गईं थी की एक दो बार कोर्ट आना पड  सकता है , मैं लगभग भूल ही चुकी थी  सब पर दो साल के बाद कोर्ट से बुलावा आया और मै तय समय से कुछ पहले ही कोर्ट पहुच गयी  और इंस्पेक्टर का इंतज़ार करने लगी ,मेरी  नज़र पेड़ के नीचे बैठी एक महिला पर पड़ी ...काफ़ी बुजुर्ग थी फटे हुए कपड़े ..कमर झुकी हुई ..चेहरे पर झुर्रिंयाँ , आँखे अंदर तक धँसी हुई , टूट

..दो साल पहले मेरी गाड़ी से एक छोटा सा एक्सिडेंट हो गया था उस समय मै कार चलाना सीख ही रही थी , ज्यादा नुकसान भी नही हुअा था तो मामला निपटा लिया गया था पर ताकीद दे दी गईं थी की एक दो बार कोर्ट आना पड सकता है , मैं लगभग भूल ही चुकी थी सब पर दो साल के बाद कोर्ट से बुलावा आया और मै तय समय से कुछ पहले ही कोर्ट पहुच गयी और इंस्पेक्टर का इंतज़ार करने लगी ,मेरी नज़र पेड़ के नीचे बैठी एक महिला पर पड़ी ...काफ़ी बुजुर्ग थी फटे हुए कपड़े ..कमर झुकी हुई ..चेहरे पर झुर्रिंयाँ , आँखे अंदर तक धँसी हुई , टूट #कहानी