मैं प्यासी रेत रेगिस्तान की, तू समंदर में उठी लहर.. मैं गांव एक बियाबान सा, तू जीता - जागता शहर.. मैं सुनसान रात बरसात की, तू सर्दी में शिखर दोपहर.. मैं कोई तुकबंदी "वत्स" की, तू 'ग़ालिब' की गजल-बहर... ©dr Vats Tukbandi 'Vats' ki.. #drVats #tukbandi #shayari #NojotoWriter #love