ये मत पूछियेगा की इश्क़ में क्या क्या किया मैंने.. | हिंदी Shayari
"ये मत पूछियेगा की इश्क़ में क्या क्या किया मैंने..
कोई नहीं कर पायेगा अपना हाल ऐसा किया मैंने..
गुस्से में उसके सारे ख़तों को तो फाड़ दिया था..
बाद में रोते-रोते टुकड़ा-टुकड़ा इकठ्ठा किया मैंने.."
ये मत पूछियेगा की इश्क़ में क्या क्या किया मैंने..
कोई नहीं कर पायेगा अपना हाल ऐसा किया मैंने..
गुस्से में उसके सारे ख़तों को तो फाड़ दिया था..
बाद में रोते-रोते टुकड़ा-टुकड़ा इकठ्ठा किया मैंने..