कल किसने देखा है खुदा का क्या लेखा जोखा है मैं रहूं ना रहूं कौन जाने क्या हाथ की रेखा है तुम्हारे दिए दर्द से मैंने बहुत कुछ सीखा है ख्वाब बन बस अब तु रह गया चैनो क़रार मेरा खो गया है मन की इबारत सी है मोहोब्बत मेरी मुकद्दर में ना सही तुम्हारे याद आज भी दिल में एक विरह बन दफन हो गए हैं ...!! ©विद्या झा Instagram - @penpaperanddiary_vidu Youtube-Ankahe Lafz Please guys support me that I could able to write more poems, quotes, Shayari 🙏🙏❤️ #DesertWalk