छोटे से जहाँ में, छोटी सी बस्ती मेरी, भीषण 'बाढ़' में छोटी सी कस्ती मेरी, हे! भगवान कुछ तो मुझ पर दया कर.. तेज लहरों में मिट न जाये हस्ती मेरी। .....गोविन्द पन्द्राम #flood = बाढ़