यादें.....कितनी याद आती हैं मन शांत रहता है ,पर दिल यूं ही धड़कता है लेकर किताब यादों का बार बार पलटता है कभी कहता बचपन को पढ़ ले ,फिर कुछ पल थमता है कर के याद दिन बचपन का दिल शिशक शिशक कर रोता है पूछता है मुझसे बताओ ना क्यों मां नही अब सुलाती है प्यारी सी वो लोरी जो बार बार याद आती है यादें.....कितनी याद आती हैं दिल ने खोल दिया वो पन्ना मेरे जीवन का जहां पड़े थे खिलौने और कुछ कपड़े मेरे गुड़िया का देख उसे मेरा दिल भर आया सोची क्यों बीता वो दिन ,ये दिन आया गुड़िया बोली मुझसे हस कर रोती क्यों हो इतना मेरे बेटे की शादी है चलो उसी में मिलना ये सुन कर हसी जोड़ से आई क्या सच में गुड़िया के घर बजेगी शहनाई फिर दिल बोला ....नही गुड़िया भी कर रही तुम्हारी टांग खिंचाई तब तक फिर मां की आवाज आती है खाना खा लो और चलो पढ़ो बैठ कर , मां हमे बुलाती है यादें...... कितनी याद आती है।।।। ©Kanak Tiwari #yaaden #bachpan Aaru Bishnoi Mysterious Girl swara wadhwa Rachna Rathore chandni