❤।।अमावस।।💛 रातों की मावस के अंदर झांका था जब-जब मैंने चैन था पाया, नींद मिली, आनंद पाया था मैंने एक अदृश्य दुनिया का एहसास था मुझको होने लगा उलझनो से होकर निश्चिंत उस दुनिया में खोने लगा रात बीती एहसास हुआ आकाश में आया फुलवारी पन नींद टूटी दृश्य देखा मन मेरा रोने लगा ख्वाब थे पाए, उम्मीद जगी, एक नगमा गाया था मैंने रातों की मावस के अंदर झांका था जब-जब मैंने सकल चराचर से मुक्ति की प्यास लगी थी चारों खाने एक मेरा बस दिल ही जाने मावस के वो दिन सुहाने पीड़ित आंखों के जब अकस शीशे बनकर आते थे मावस का चांद आता मेरे लिए श्रृंगार गाने दिन से ज्यादा रात थी प्यारी, बंद थी पलके, खूब बताया था मैंने रातों की मावस के अंदर झांका था जब-जब मैंने जग सूना लगता था और रात सुहानी लगती थी दिन होता असमंजस में और रात कहानी लगती थी और करूं मैं क्या अचरज इस रात जुबानी धड़कन की चांद मावस का प्रतीत होता सनम और रात जवानी लगती थी आंखों से भर-भर छलके ख्वाब अभागे, जब सुनाया था मैंने रातों की मावस के अंदर झांका था जब-जब मैंने ~कुनाल माहेश्वरी #Moon #night #amavas #love #feel #Real❤❤