क्यों खामोश क्यों उदास है तू.. क्यों खुद से लाचार है तू... ना बेड़ियां तेरे पैंरों में लगी है.. फिर क्यों बंदिशो में कैंद है तू.. हिम्मत कर बढ़ा कदम... चल जमाने को जीत ले तू... क्यों अपने एहसासों में उलझी है तू... डर निकाल आजाद कर ख्वाईशे को अपने.. क्यों जीतने से पहले हार से घबराई है तू... हौंसला इतना रख अपने विश्वास में तू... मंजिल कहीं पर हो हासिल कर लेगी तू... सच है गिरे पर सब हसा है यहां... सच है वहीं इतिहास भी रचा है यहां.. #love#life#win#goal#khushi