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वैसे तो हम तीसरी चौथी दफा ही मिलें थे, मगर ऐसा लगत

वैसे तो हम तीसरी चौथी दफा ही मिलें थे,
मगर ऐसा लगता था जैसे कि जन्मों का का नाता था,
वो मुझसे अपनी हर बात बड़ी शालीनता से कह जाता था,
अपनी एक पल कि जिंदगी भी मेरे संग जीना चाहता था,
लगता नहीं था कि कभी यूं बीच मझधार में छोड़ जायेगा,
उसे क्या पता था कि वो अपने ही सांसों से अपना नाता तोड़ जायेगा,
देखें थे जो सपने कभी मिलकर हमने उसे भी वो अधूरा छोड़ जायेगा,
और मुझसे बड़े ही आहिस्ता से ये कह जायेगा कि वो रहे या ना रहे,
मगर हर पल मेरे साथ होकर मेरा साथ निभायेगा।। #Vo_mulakatein
वैसे तो हम तीसरी चौथी दफा ही मिलें थे,
मगर ऐसा लगता था जैसे कि जन्मों का का नाता था,
वो मुझसे अपनी हर बात बड़ी शालीनता से कह जाता था,
अपनी एक पल कि जिंदगी भी मेरे संग जीना चाहता था,
लगता नहीं था कि कभी यूं बीच मझधार में छोड़ जायेगा,
उसे क्या पता था कि वो अपने ही सांसों से अपना नाता तोड़ जायेगा,
देखें थे जो सपने कभी मिलकर हमने उसे भी वो अधूरा छोड़ जायेगा,
और मुझसे बड़े ही आहिस्ता से ये कह जायेगा कि वो रहे या ना रहे,
मगर हर पल मेरे साथ होकर मेरा साथ निभायेगा।। #Vo_mulakatein