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परेशान मेरा जूता जगह जगह से फट गया है धरती चुब रह

परेशान मेरा जूता जगह जगह से फट गया है 
धरती चुब रही है
मैं रुक गया हूं। 
जूते से पूछता हूं-
आगे क्यों नही चलते ?
जूता जबाव देता है ।
मैं अब भी तैयार हूं 
यदि तुम चलो !
मैं चुप रह जाता हूं 
कैसे कहूँ की ,
मैं भी जगह जगह 
से फट गया हूं ।।।

भावेश ।। #thoughts #poetry #love #sad #alone #pareshan
परेशान मेरा जूता जगह जगह से फट गया है 
धरती चुब रही है
मैं रुक गया हूं। 
जूते से पूछता हूं-
आगे क्यों नही चलते ?
जूता जबाव देता है ।
मैं अब भी तैयार हूं 
यदि तुम चलो !
मैं चुप रह जाता हूं 
कैसे कहूँ की ,
मैं भी जगह जगह 
से फट गया हूं ।।।

भावेश ।। #thoughts #poetry #love #sad #alone #pareshan
bhaveshgarg1956

Bhavesh Garg

New Creator