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#DelhiPollution रोता- सा ये शहर है देखो,  फटे हुए

#DelhiPollution रोता- सा ये शहर है देखो, 

फटे हुए कपड़ों से रिश्ते,
हर मन में दीवार है।
कंधे सारे झुके झुके हैं, 
लँगड़ाता हर पांव है। 

न पेडो की छांव है। 
सूख गया मन का हर कोना,
धूप भरी हर छांव है। 
हरियाली नही कही,,नदी- झीलें सूखी हैं। 
मन की बातें रूखी हैं।  #delhipollution
#DelhiPollution रोता- सा ये शहर है देखो, 

फटे हुए कपड़ों से रिश्ते,
हर मन में दीवार है।
कंधे सारे झुके झुके हैं, 
लँगड़ाता हर पांव है। 

न पेडो की छांव है। 
सूख गया मन का हर कोना,
धूप भरी हर छांव है। 
हरियाली नही कही,,नदी- झीलें सूखी हैं। 
मन की बातें रूखी हैं।  #delhipollution