ज़िंदगी दिसंबर सी स्याह सर्द रातों सी ,जिंदगी दिसंबर सी कंपकपाती बातों सी,जिंदगी दिसंबर सी कभी कोहरा तो कभी धूप सा बिखरना बदलते हालातों सी,जिंदगी दिसंबर सी तन्हाइयों में बदलती करवटों का होना मचलते जज्बातों सी,जिंदगी दिसंबर सी जाते जाते दे जाये खुशी दिल को तेरे नई-नई शुरुआतों सी,जिंदगी दिसंबर सी बिखरते लम्हों को सवारने आ जाये संग महबूब के गर्म साथों सी,जिंदगी दिसंबर सी आमिल Syaah sard raato si,ZINDAGI December si Kapkapati baato si,ZINDAGI December si Kabhi kohra to kabhi dhoop sa bikharna Badalte halaato si,ZINDAGI December si Tanhaaiyo mai badalti karwatto ka hona Machalte zazbaato si,ZINDAGI December si