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"किसे अपना कहूं, किसे बेगाना कहूं, कोई भी तो अपनस

"किसे अपना कहूं, किसे बेगाना कहूं, 
कोई भी तो अपनसा नहीं दिखता अब, 
जिसने नौ महीने खोख में पाला था, वो भी आज पराए हो गये... 
अपने हाथ से निवाला खिलाने वाली माँ, घर कब आओगे ये बोलना भी भूल गइ , 
जिन्होने सिखाया उंगली पकड़ कर चलना, 
उनका साया भी कही दूर तक नज़र  आता नहीं, 
क्यों आज खुशियों में हसने वाले दुख में अकेला छोड़ गये, 
थोड़ा से गिरजाने पर, वो आँचल में छुपाने वाली माँ, 
ना जाने क्यों आज हमसे ही छुपने लगे "
-thakur bhupendra singh 
#covid-19 #covid-19
#corona 
#hindustan 
#india 
#thakurbhupendrasingh
"किसे अपना कहूं, किसे बेगाना कहूं, 
कोई भी तो अपनसा नहीं दिखता अब, 
जिसने नौ महीने खोख में पाला था, वो भी आज पराए हो गये... 
अपने हाथ से निवाला खिलाने वाली माँ, घर कब आओगे ये बोलना भी भूल गइ , 
जिन्होने सिखाया उंगली पकड़ कर चलना, 
उनका साया भी कही दूर तक नज़र  आता नहीं, 
क्यों आज खुशियों में हसने वाले दुख में अकेला छोड़ गये, 
थोड़ा से गिरजाने पर, वो आँचल में छुपाने वाली माँ, 
ना जाने क्यों आज हमसे ही छुपने लगे "
-thakur bhupendra singh 
#covid-19 #covid-19
#corona 
#hindustan 
#india 
#thakurbhupendrasingh