मुझे गमगीन करने को तुम्हारी याद काफ़ी है, मुझे रंगीनियत तो अब कहीं भी नज़र नही आती/ कोशिशें भूलने की की मगर अस्फल रहा हूँ मैं, मेरी यादों से तेरी याद अब भी क्यों नही जाती/ #Akhil's# pooja negi# DR. LAVKESH GANDHI ✍ *Ruchi* ki kalam se✍ K V Dalwadi Sonam kuril Ritika Suryavanshi