#गुमशुदा है कौन मुझमें ,, किसकी मुझे #तलाश हैं
मैं इक़ #जिंदा#इंसान हूँ ,, या चलतीं - फ़िरती कोई #लाश हैं
#भटक रहा हूँ मैं यहां - वहां ,, मगर #मिलता कुछ नहीं
यें ज़िंदगी हैं #बेंवफ़ा ,, सिर्फ़ अगर - मगर और #काश हैं
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Gumshuda Hai Kon Mujhme ,, Kiski Mujhe Talash Hai
Mai Ik Jinda Insan Hoo ,, Ya Chalti - Firti Koi Lash Hai #Shayari