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मैं फाल्गुन मास में पेड़ से गिरा वो अकेला पत्ता ह

मैं फाल्गुन मास में पेड़ से गिरा  वो अकेला पत्ता हूँ जो ऊपर  देखता है बाक़ी ताजे पत्तों को सुनहरी धूप में खिलते हुए, और हां  मैं  शिशिर  में पेड़ पे लगा वो अकेला  ताजा पत्ता हूँ जो नीचे  देखता है बाक़ी साथी पत्तों को  सड़क पर सोने की परत बनाते हुए ; जो मेरी प्रेमिका के पैर के नीचे कुचले जाते है  और मुस्कुराते है जैसे  उन्हें एक नई ताजगी मिल गई हो। #ताजगी
मैं फाल्गुन मास में पेड़ से गिरा  वो अकेला पत्ता हूँ जो ऊपर  देखता है बाक़ी ताजे पत्तों को सुनहरी धूप में खिलते हुए, और हां  मैं  शिशिर  में पेड़ पे लगा वो अकेला  ताजा पत्ता हूँ जो नीचे  देखता है बाक़ी साथी पत्तों को  सड़क पर सोने की परत बनाते हुए ; जो मेरी प्रेमिका के पैर के नीचे कुचले जाते है  और मुस्कुराते है जैसे  उन्हें एक नई ताजगी मिल गई हो। #ताजगी