आगोश में अपने मुझको जकड़ रही है; ये मोहब्बत मेरे गले पड़ रही है वो खोजती है बहाने मुझको छूने के; मेरी भी अब हिम्मत कुछ बढ़ रही है धुँधले हुए सारे पढ़ने लिखने के मंज़र; कमरे में बैठे बैठे आँख लड़ रही है जबसे एक शख़्स को दुनिया मान बैठा हूँ; तबसे सारी दुनिया मुझसे लड़ रही है रिश्ते को मशहूर करने के लिहाज़ से; वो महफ़िल में मेरा हाथ पकड़ रही है -यश त्रिवेदी #NojotoQuote