.....आज नहीं, कुछ साल बाद, जब साहिल पर तूफां होगा, हम यादों की एक नाव लिए, मझधार चीर के जाएंगे... . . कि फ़िर जब भी, कोई भोर की किरणें, मन विचलित कर जाएंगी... हम साँझ की चादर ओढ़ कहीं, भीतर घर में छुप जाएंगे..... . . जब कच्ची माटी आंगन की, कोई ख़ुशी भरेगी दिल में तब, हम उसका रूप संजोए खुद से, खुद कुम्हार बन जाएंगे....!!! #hindipoetry #poetry #verses #thought #kavita #हिन्दीकविता #nojotopoets