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कुछ बात है तुममें तुम औरों जैसे नहीं हो, यूं मेरे

कुछ बात है तुममें तुम औरों जैसे नहीं हो,
यूं मेरे गैर होकर भी तुम गैरों जैसे नहीं हो।
बरसों से सूखे होंठों पर तुमने खिलखिलाहट 
के रंग सजा दिए,
कुछ बात है तुम्हारे मेरी जिंदगी में भरे रंगों में,
ये रंग और रंगों जैसे नहीं हैं।
तुम्हारी बातें जो सुनती हूं सुनती ही रह जाती हूं,
 एक तुम्हारी प्रेम की राह  में ना जाने किन 
किन राहों पर भटक  आती हूं।
ये तुम्हारे प्रेम में भटकाव मेरा 
औरों के भटकाव जैसा नहीं है,
तुम्हारे प्रेम में दूब गई मै ये डूबने जैसा नहीं है।
तुम्हारे प्यार के अहसास दूरियों का अहसास नहीं होने देते,
ये मर्यादा के बन्धन पास होकर भी पास नहीं होने देते,
तुम्हारा अपार प्रेम औरों के प्रेम के उफान सा नहीं है।
तुम्हारा धैर्य की सीमा का क्या कहूं,ये तुम्हारा अभिमान
 तो नहीं है,कुछ बात है कि
मर्यादित औरों जैसा  अमर्यादित नहीं है।
___Satyprabha💕.....My Life ✍ कुछ बात है तुममें तुम औरों जैसे नहीं हो,
यूं मेरे गैर होकर भी तुम गैरों जैसे नहीं हो।
बरसों से सूखे होंठों पर तुमने खिलखिलाहट कर रंग सजा दिए,
कुछ बात है तुम्हारे मेरी जिंदगी में भरे रंगों में,
ये रंग और रंगों जैसे नहीं हैं।
तुम्हारी बातें जो सुनती हूं सुनती ही रह जाती हूं,
 एक तुम्हारी प्रेम की राह में ना जाने किन 
किन राहों पर भटक  आती हूं।
कुछ बात है तुममें तुम औरों जैसे नहीं हो,
यूं मेरे गैर होकर भी तुम गैरों जैसे नहीं हो।
बरसों से सूखे होंठों पर तुमने खिलखिलाहट 
के रंग सजा दिए,
कुछ बात है तुम्हारे मेरी जिंदगी में भरे रंगों में,
ये रंग और रंगों जैसे नहीं हैं।
तुम्हारी बातें जो सुनती हूं सुनती ही रह जाती हूं,
 एक तुम्हारी प्रेम की राह  में ना जाने किन 
किन राहों पर भटक  आती हूं।
ये तुम्हारे प्रेम में भटकाव मेरा 
औरों के भटकाव जैसा नहीं है,
तुम्हारे प्रेम में दूब गई मै ये डूबने जैसा नहीं है।
तुम्हारे प्यार के अहसास दूरियों का अहसास नहीं होने देते,
ये मर्यादा के बन्धन पास होकर भी पास नहीं होने देते,
तुम्हारा अपार प्रेम औरों के प्रेम के उफान सा नहीं है।
तुम्हारा धैर्य की सीमा का क्या कहूं,ये तुम्हारा अभिमान
 तो नहीं है,कुछ बात है कि
मर्यादित औरों जैसा  अमर्यादित नहीं है।
___Satyprabha💕.....My Life ✍ कुछ बात है तुममें तुम औरों जैसे नहीं हो,
यूं मेरे गैर होकर भी तुम गैरों जैसे नहीं हो।
बरसों से सूखे होंठों पर तुमने खिलखिलाहट कर रंग सजा दिए,
कुछ बात है तुम्हारे मेरी जिंदगी में भरे रंगों में,
ये रंग और रंगों जैसे नहीं हैं।
तुम्हारी बातें जो सुनती हूं सुनती ही रह जाती हूं,
 एक तुम्हारी प्रेम की राह में ना जाने किन 
किन राहों पर भटक  आती हूं।

कुछ बात है तुममें तुम औरों जैसे नहीं हो, यूं मेरे गैर होकर भी तुम गैरों जैसे नहीं हो। बरसों से सूखे होंठों पर तुमने खिलखिलाहट कर रंग सजा दिए, कुछ बात है तुम्हारे मेरी जिंदगी में भरे रंगों में, ये रंग और रंगों जैसे नहीं हैं। तुम्हारी बातें जो सुनती हूं सुनती ही रह जाती हूं, एक तुम्हारी प्रेम की राह में ना जाने किन किन राहों पर भटक आती हूं।

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