दुख होत है दारूण बिछड़न के कहूँ का मैं तोसे हाल सखी पिया मिलन सो सुख नहिं पिय बिन जिया बेहाल सखी दिन जरत जैसे पिन्ड सूरज,रतिया सुनाए करूण गान सखी, अधीर जिया मोरा धीर ना धरे,पिय गए भए दिन न चार सखी, प्रियतम मोरे कैसे हरजाई जाने ना मोरा हाल सखी, विदित किए जौ पीर होते तो करते ना मोहें बेजान सखी, देंह मोरी बस देखन को बाकी ना उन बिन प्राण सखी, हिय में बिरहा को आग लगी है,मिलन को सूझत नहिं राह सखी, जबते पिया मोहे छोड़ गए हिय भाव भए कुभाव सखी, अब बितिहीं ना दिन उन बिन,तजिबै हमहूँ निज प्राण सखी, जौ पीर मिटे जिय जाए से तो का होइहीं बिन मोलन के यह प्राऩ सखी,,! #leaf #Nojot°english #Nojoto #nojotohindi Varsha Singh Baghel(शिल्पी)