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इस मोहब्बत की आग में तुम इतना झुलस क्यों रहे हो ।

इस मोहब्बत की आग में तुम इतना झुलस क्यों रहे हो ।
अरे! जनाब आईना उठा कर तो देखो, तुम इतना बिखर क्यों रहे हो?
जो छोड़ गया तुम्हें उसे जाने दो, इस जिंदगी के मोड़ पर किसी नए को आने दो।
वक्त है बदलता रहता है ,आज किसी और से ,कल किसी और से मोहब्बत होता रहता है।

©Alok Singh #RaysOfHope # Shyari
इस मोहब्बत की आग में तुम इतना झुलस क्यों रहे हो ।
अरे! जनाब आईना उठा कर तो देखो, तुम इतना बिखर क्यों रहे हो?
जो छोड़ गया तुम्हें उसे जाने दो, इस जिंदगी के मोड़ पर किसी नए को आने दो।
वक्त है बदलता रहता है ,आज किसी और से ,कल किसी और से मोहब्बत होता रहता है।

©Alok Singh #RaysOfHope # Shyari
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