मैं दिखाती हूं जो चेहरा , खुद का मेरा आईना देखकर , मुस्कुरा सा पड़ा जो देखा मैंने खुद को , अकेले कभी तो एक कब्र दिल में , खुदा सा मिला यू लाख़ छुपाना चाहा , आंसू मेरे पर फिर भी वह आज , गिरा सा मिला जो दिखावा था करता , मैं अपनी खुशी का