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तेरे दरबार में आकर ख़ुशी से फूल जाता हूँ गम चाहे कै

तेरे दरबार में आकर ख़ुशी से फूल जाता हूँ
गम चाहे कैसा भी हो, मै आकर भूल जाता हूँ
बताने बात जो भी आऊ, वही मै भूल जाता हूँ…
ख़ुशी इतनी मिलती है कि माँगना भूल जाता हूँ

तेरे दरबार में आकर ख़ुशी से फूल जाता हूँ गम चाहे कैसा भी हो, मै आकर भूल जाता हूँ बताने बात जो भी आऊ, वही मै भूल जाता हूँ… ख़ुशी इतनी मिलती है कि माँगना भूल जाता हूँ

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