ख्वाइशों के ज़ुस्तज़ू में, कुछ यूं कटी मेरी जिंदगी, कि मैं जिया या ख्वाइशें ,इतनी भी खबर नही !! ख्वाइशों के ज़ुस्तज़ू में, कुछ यूं कटी मेरी जिंदगी, कि मैं जिया या ख्वाइशें ,इतनी भी खबर नही !!