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डर लगता है (read caption) -Dipti Joshi चाहे कितन

चाहे कितनी भी बेखौफ हो रूह 
आखिर इक रोज सहम ही जाती है, 
शमशान बनते मुल्क को देख 
थोड़ा तो कांप ही जाती है 
इक लाइलाज रोग को खुद के जिस्म से लिपटता देख 
अपनी लाल रक्त कोशिकाओं को मरता देख 
थोड़ा तो डर लग ही जाता है 
घरों की चहारदीवारी में बंद रहना जब एक मात्र उपाय बचे
diptijoshi4404

Dipti Joshi

Silver Star
Growing Creator

चाहे कितनी भी बेखौफ हो रूह आखिर इक रोज सहम ही जाती है, शमशान बनते मुल्क को देख थोड़ा तो कांप ही जाती है इक लाइलाज रोग को खुद के जिस्म से लिपटता देख अपनी लाल रक्त कोशिकाओं को मरता देख थोड़ा तो डर लग ही जाता है घरों की चहारदीवारी में बंद रहना जब एक मात्र उपाय बचे #Hindi #Shayari #kavita #MyPoetry

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