परहित सरिस धर्म नहीं भाई। परपीड़ा सम नहीं अधमाई॥ श्रीरामचरितमानस satyprabha💕 परोपकार करना ही पुण्य है और किसी को किसी भी प्रकार से कष्ट देना ही पाप है। satyprabha💕