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कुछ खोकर भी, सब कुछ मिल जाता है। थकान का हर कतरा म

कुछ खोकर भी, सब कुछ मिल जाता है।
थकान का हर कतरा मिट जाता है।
जब कोई गल लगाकर कहता है,
मै हूं ना!
परेशानियों का पल भर में अंत हो जाता है।
टूटी उम्मीद को नया हौसला मिल जाता है।
जब कोई गल लगाकर कहता है,
मै हूं ना!

©Ruksar Bano #हक
कुछ खोकर भी, सब कुछ मिल जाता है।
थकान का हर कतरा मिट जाता है।
जब कोई गल लगाकर कहता है,
मै हूं ना!
परेशानियों का पल भर में अंत हो जाता है।
टूटी उम्मीद को नया हौसला मिल जाता है।
जब कोई गल लगाकर कहता है,
मै हूं ना!

©Ruksar Bano #हक
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